NPCI ला रहा है नए नियम 2025: देखें आम लोगों पर क्या पड़ेगा फर्क!
नई दिल्ली: 2025 का साल डिजिटल भुगतान, विशेषकर यूपीआई (UPI) के उपयोगकर्ताओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई इकोसिस्टम को और अधिक सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से कई नए नियम लागू किए हैं, जिनका सीधा असर आम लोगों के डिजिटल लेनदेन की आदतों पर पड़ेगा। इन बदलावों को 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया गया है, और कुछ नियम 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होंगे। आइए जानते हैं क्या हैं ये नियम और इनसे आम लोगों पर क्या फर्क पड़ेगा।
1. निष्क्रिय मोबाइल नंबर से जुड़ी UPI IDs होंगी निष्क्रिय
क्या है नियम: 1 अप्रैल, 2025 से NPCI ने यह अनिवार्य कर दिया है कि बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) अपने मोबाइल नंबर रिकॉर्ड को साप्ताहिक रूप से अपडेट करें। अगर कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है और उसे किसी और को फिर से असाइन (reassign) कर दिया जाता है, तो उस नंबर से जुड़ी UPI ID ऑटोमेटिकली निष्क्रिय कर दी जाएगी।
आम लोगों पर असर:
- सकारात्मक: यह धोखाधड़ी और गलत लेनदेन की संभावना को कम करेगा। यदि आपने अपना पुराना नंबर बंद कर दिया है और बैंक या UPI ऐप में अपडेट नहीं किया है, तो कोई और व्यक्ति उस नंबर को पाकर आपके UPI ID का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा।
- नकारात्मक: आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका बैंक खाता हमेशा आपके सक्रिय और अपडेटेड मोबाइल नंबर से जुड़ा रहे। यदि आप नंबर बदलते हैं और बैंक में अपडेट नहीं करते, तो आपकी UPI सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
2. “कलेक्ट पेमेंट” फीचर पर प्रतिबंध
क्या है नियम: धोखेबाजों द्वारा इस फीचर के दुरुपयोग को रोकने के लिए, NPCI ने “कलेक्ट पेमेंट” (Collect Payments) सुविधा को सीमित कर दिया है। अब यह सुविधा केवल बड़े और सत्यापित व्यापारियों के लिए ही उपलब्ध होगी। व्यक्ति-से-व्यक्ति (person-to-person) कलेक्ट पेमेंट रिक्वेस्ट की सीमा ₹2,000 कर दी गई है।
आम लोगों पर असर:
- सकारात्मक: धोखाधड़ी से बचाव होगा। पहले, धोखेबाज अक्सर इस फीचर का उपयोग करके लोगों को भुगतान स्वीकार करने के बजाय पैसा भेजने के लिए मजबूर करते थे। अब ऐसी घटनाओं में कमी आएगी।
- नकारात्मक: आम लोगों के लिए अब ₹2,000 से अधिक की राशि के लिए ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ भेजना संभव नहीं होगा। आपको सीधे ‘पेमेंट रिक्वेस्ट’ भेजनी होगी या भेजने वाले को अपना UPI ID/नंबर देना होगा।
3. UPI API के उपयोग पर सीमाएं (1 अगस्त, 2025 से)
NPCI ने बैंकों और PSPs को UPI नेटवर्क पर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले 10 API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के उपयोग को विनियमित करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य सिस्टम पर पड़ने वाले भारी लोड को कम करना और पीक आवर्स में सिस्टम आउटेज (सेवा बाधित) होने से रोकना है।
अहम बदलाव और असर:
- बैलेंस चेक पर सीमा: अब आप अपने UPI ऐप पर प्रति ऐप प्रति दिन 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे। ऐप्स को पीक आवर्स (सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे) के दौरान बैलेंस चेक रिक्वेस्ट को अस्थायी रूप से रोकने या सीमित करने की क्षमता भी रखनी होगी।
- असर: यदि आप दिन में कई बार बैलेंस चेक करने के आदी हैं, तो आपको अपनी आदत बदलनी पड़ सकती है। हालांकि, सफल लेनदेन के बाद बैंक आपको अपडेटेड बैलेंस नोटिफिकेशन भेजने के लिए बाध्य होंगे।
- ऑटोपे मैंडेट पर नियम: UPI ऑटोपे लेनदेन को अब गैर-पीक घंटों के दौरान ही शुरू करना होगा। प्रत्येक ऑटोपे के लिए अधिकतम 1 प्रयास और 3 रिट्राई (पुनः प्रयास) की अनुमति होगी।
- असर: ऑटोपे लेनदेन की विश्वसनीयता बढ़ सकती है, लेकिन कुछ उपयोगकर्ताओं को समय-सीमा के संबंध में थोड़ी असुविधा हो सकती है।
- लेनदेन स्थिति जांच (Transaction Status Check): बैंक और PSPs को अब लेनदेन प्रमाणीकरण के 90 सेकंड बाद ही पहली स्थिति जांच की अनुमति देनी होगी, और दो घंटे के भीतर केवल तीन बार जांच करने की सीमा होगी।
- असर: इससे अनावश्यक API कॉल कम होंगी और सिस्टम पर लोड घटेगा, जिससे समग्र UPI अनुभव बेहतर होगा।
4. लेनदेन आईडी में विशेष वर्णों पर प्रतिबंध (1 फरवरी, 2025 से)
क्या है नियम: UPI लेनदेन आईडी अब केवल अल्फ़ान्यूमेरिक होगी। इसमें @, #, $, % जैसे किसी भी विशेष वर्ण का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। विशेष वर्णों वाली कोई भी लेनदेन आईडी स्वचालित रूप से अस्वीकृत हो जाएगी।
आम लोगों पर असर:
- सकारात्मक: इससे सुरक्षा बढ़ेगी, एकरूपता आएगी और लेनदेन प्रसंस्करण में त्रुटियों का जोखिम कम होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि भुगतान सुचारू रूप से संसाधित हों।
- नकारात्मक: शायद ही कोई सीधा नकारात्मक असर हो, क्योंकि ज्यादातर ऐप्स स्वचालित रूप से अल्फ़ान्यूमेरिक आईडी जनरेट करते हैं।
5. तेज UPI लेनदेन (16 जून, 2025 से)
क्या है नियम: NPCI का लक्ष्य है कि अधिकांश UPI लेनदेन, चाहे वे डेबिट हों या क्रेडिट, 15 सेकंड के भीतर पूरे हो जाएं, जबकि पहले इसमें 30 सेकंड तक का समय लगता था। अन्य गतिविधियों जैसे लेनदेन स्थिति जांच और रिवर्सल के लिए प्रतिक्रिया समय में भी 75% तक की कमी आएगी।
आम लोगों पर असर:
- सकारात्मक: लेनदेन पहले से भी तेज़ और अधिक कुशल हो जाएंगे, जिससे उपयोगकर्ताओं का अनुभव बेहतर होगा।