बिहार सरकार ने अपने वृद्ध नागरिकों को सम्मानजनक जीवन जीने और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना (Mukhyamantri Vriddhjan Pension Yojana – MVPY) की शुरुआत की है। यह योजना उन सभी वृद्धजनों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है जो अपनी बढ़ती उम्र के कारण आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं या जिनके पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं है।1 यह योजना समाज में वृद्धों के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को मजबूत करती है।
योजना का उद्देश्य:
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करना है:
- वित्तीय सुरक्षा: 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी पात्र वृद्धजनों को नियमित मासिक पेंशन प्रदान करना।2
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: वृद्धजनों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना ताकि उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े।
- सामाजिक सुरक्षा: वृद्धों को समाज में एक सुरक्षित और सम्मानित स्थान सुनिश्चित करना।
- जीवन स्तर में सुधार: पेंशन राशि के माध्यम से वृद्धजनों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना।3
योजना के मुख्य लाभ:
- नियमित मासिक पेंशन: इस योजना के तहत, पात्र वृद्धजनों को प्रतिमाह ₹400 की पेंशन राशि सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है। (ध्यान दें: कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में या समय-समय पर सरकार द्वारा इसमें वृद्धि की जा सकती है।)
- सार्वभौमिक कवरेज (Universal Coverage): यह योजना राज्य के सभी 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वृद्धजनों को कवर करती है, भले ही उनके परिवार में कोई कमाने वाला सदस्य हो या न हो। पहले की पेंशन योजनाओं में अक्सर ऐसे मानदंड होते थे, जो इस योजना में हटा दिए गए हैं, जिससे इसकी पहुंच काफी बढ़ गई है।
- सरकारी कर्मचारियों के लिए अपवाद: केवल वही वृद्धजन इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं, जो किसी सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हुए हों और पेंशन प्राप्त कर रहे हों।
- आयु के अनुसार लाभ:
- 60 से 79 वर्ष: ₹400 प्रति माह।4
- 80 वर्ष या उससे अधिक: ₹500 प्रति माह (इस आयु वर्ग के लिए राशि थोड़ी अधिक होती है)।5
पात्रता मापदंड:
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- मूल निवासी: आवेदक बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।6
- आयु: आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।7
- सरकारी पेंशनभोगी नहीं: आवेदक केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार से किसी भी प्रकार की सेवा निवृत्ति (सरकारी पेंशन) प्राप्त नहीं कर रहा हो।8
- आय सीमा नहीं: इस योजना के लिए कोई आय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, जिससे यह अधिक से अधिक वृद्धजनों तक पहुंच पाती है।
- आधार कार्ड: आवेदक का आधार कार्ड होना अनिवार्य है, जो बैंक खाते से लिंक हो।
- बैंक खाता: आवेदक का किसी भी बैंक में सक्रिय बैंक खाता होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया:
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल बनाई गई है, ताकि वृद्धजन आसानी से आवेदन कर सकें:
- ऑनलाइन आवेदन: आवेदक बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (ssp.bih.nic.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- ऑफलाइन आवेदन: यदि ऑनलाइन आवेदन में कोई कठिनाई हो, तो आवेदक अपने नजदीकी प्रखंड कार्यालय (ब्लॉक ऑफिस), जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग (District Social Security Cell), या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करना: वेबसाइट से या कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
- फॉर्म भरना: फॉर्म को सही और स्पष्ट रूप से भरें।
- दस्तावेज संलग्न करना: आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां फॉर्म के साथ संलग्न करें।
- जमा करना: भरे हुए फॉर्म और दस्तावेजों को संबंधित कार्यालय में जमा करें।
आवश्यक दस्तावेज:
आवेदन के लिए कुछ प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार हैं:
- आधार कार्ड (पहचान और पते के प्रमाण के रूप में)
- निवास प्रमाण पत्र (बिहार का)
- आयु प्रमाण पत्र (जैसे मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाण पत्र, या डॉक्टर द्वारा जारी आयु प्रमाण पत्र)
- बैंक पासबुक की फोटोकॉपी (खाता संख्या और IFSC कोड स्पष्ट रूप से दिखें)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर (पत्राचार और अपडेट के लिए)
योजना का प्रभाव:
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना ने बिहार के वृद्धजनों के जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाया है। यह उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है, जिससे वे सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर पा रहे हैं। इस योजना ने वृद्धों के प्रति समाज की जिम्मेदारी को भी उजागर किया है और उन्हें सामाजिक सुरक्षा जाल में शामिल कर एक समावेशी और न्यायसंगत समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह वास्तव में “हर वृद्धजन को सम्मान” के बिहार सरकार के संकल्प को साकार कर रही है।