भारत की ग्रामीण युवा आबादी में असीम क्षमताएं निहित हैं, लेकिन अवसरों की कमी अक्सर उन्हें अपने सपनों को साकार करने से रोकती है. इसी चुनौती का सामना करने और ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana – DDU-GKY) की शुरुआत की थी. अब, इसके 2.0 संस्करण (DDU-GKY 2.0) के साथ, यह योजना ग्रामीण भारत में कौशल विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक नया अध्याय लिख रही है.
DDU-GKY 2.0 क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
DDU-GKY 2.0, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development – MoRD) के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihoods Mission – NRLM) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसका प्राथमिक लक्ष्य गरीब ग्रामीण युवाओं (15 से 35 वर्ष की आयु वर्ग) को उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें स्थायी वेतन रोजगार (wage employment) या स्वरोजगार (self-employment) से जोड़ना है.
यह योजना केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका ध्यान प्लेसमेंट, जॉब रिटेंशन और करियर प्रगति पर भी है. DDU-GKY 2.0, ‘कौशल भारत’ (Skill India) अभियान के तहत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देती है, जिससे ग्रामीण युवा देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें.
DDU-GKY 2.0 की प्रमुख विशेषताएं और लाभ:
DDU-GKY 2.0 को ग्रामीण युवाओं की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने और उन्हें वैश्विक कार्यबल का हिस्सा बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है:
- मांग-आधारित कौशल प्रशिक्षण: यह योजना बाजार की मांग के आधार पर कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है. इसका मतलब है कि प्रशिक्षण ऐसे क्षेत्रों में दिया जाता है जहां वास्तविक रूप से नौकरियों की आवश्यकता है, जैसे कि टेक्सटाइल, आईटी-आईटीईएस, रिटेल, पर्यटन और आतिथ्य, स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण, लॉजिस्टिक्स और ऑटोमोटिव.
- निशुल्क प्रशिक्षण: ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए यह प्रशिक्षण पूरी तरह से निशुल्क है, जिससे आर्थिक बाधाएं कौशल सीखने के रास्ते में नहीं आतीं.
- समावेशी कार्यक्रम डिज़ाइन: DDU-GKY 2.0 सामाजिक रूप से वंचित समूहों (SC/ST के लिए 50%, अल्पसंख्यकों के लिए 15% और महिलाओं के लिए 33% आरक्षण) के अनिवार्य कवरेज को सुनिश्चित करता है, जिससे सभी वर्गों के युवाओं को समान अवसर मिलें.
- प्लेसमेंट और पोस्ट-प्लेसमेंट सहायता:
- प्लेसमेंट लिंक्ड प्रशिक्षण: प्रशिक्षित उम्मीदवारों में से कम से कम 75% को रोजगार प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
- पोस्ट-प्लेसमेंट सपोर्ट: नौकरी मिलने के बाद भी, उम्मीदवारों को सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे नई नौकरी में एडजस्ट हो सकें. इसमें मेंटरशिप, काउंसलिंग और अन्य संसाधन शामिल हो सकते हैं.
- करियर प्रोग्रेसन सपोर्ट: यह योजना युवाओं को उनके करियर में आगे बढ़ने में भी मदद करती है, जिसमें आगे का प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और नेटवर्किंग के अवसर शामिल हैं.
- वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन:
- प्रशिक्षण और मूल्यांकन लागत के अलावा, उम्मीदवारों को पोस्ट-प्लेसमेंट सपोर्ट, रिटेंशन सपोर्ट और करियर प्रोग्रेसन सपोर्ट के लिए भी वित्तीय लाभ प्रदान किए जाते हैं.
- परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (Project Implementation Agencies – PIAs) को उच्च वेतन वाली नौकरियों में प्लेसमेंट के लिए प्रोत्साहन भी दिए जाते हैं.
- आवासीय और गैर-आवासीय प्रशिक्षण: कार्यक्रम की अवधि और प्रकृति के आधार पर आवासीय और गैर-आवासीय दोनों प्रकार के प्रशिक्षण उपलब्ध होते हैं. आवासीय कार्यक्रमों में रहने और खाने का खर्च भी कवर किया जाता है.
- तकनीकी सहायता और निगरानी: MoRD द्वारा स्थापित सख्त दिशानिर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) के तहत प्रशिक्षण की गुणवत्ता और प्लेसमेंट की निगरानी की जाती है.
DDU-GKY 2.0: क्यों यह गेम चेंजर है?
भारत में एक बड़ी ग्रामीण आबादी है, जिसमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा युवा हैं. इन युवाओं को कौशल से लैस करना न केवल उनकी व्यक्तिगत आजीविका को बेहतर बनाता है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी गति देता है. DDU-GKY 2.0 ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच कौशल अंतर को पाटता है, जिससे ग्रामीण युवा भी शहरी युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें. यह गरीबी उन्मूलन और समावेशी विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है.
आगे क्या?
उत्तराखंड जैसे कई राज्य अब DDU-GKY 2.0 के तहत परियोजना प्रस्तावों के लिए “एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI)” आमंत्रित कर रहे हैं. यह ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाली संस्थाओं और संगठनों के लिए एक बड़ा अवसर है कि वे इस महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा बनें और ग्रामीण युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं.
यदि आप ग्रामीण युवा हैं और अपने कौशल को विकसित करना चाहते हैं या एक संगठन हैं जो ग्रामीण कौशल विकास में योगदान देना चाहते हैं, तो DDU-GKY की आधिकारिक वेबसाइट और अपने राज्य के ग्रामीण विकास विभाग से संपर्क करें. यह आपके और देश के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल मार्ग प्रशस्त कर सकता है.