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                                                       सरकारी योजना धमाका: हर ज़रूरतमंद तक, हर सरकारी लाभ

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना: गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों का सहारा


मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना: गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों का सहारा

झारखंड सरकार ने अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, और इसी कड़ी में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना (Mukhyamantri Gambhir Bimari Upchar Yojana – MGBUY) एक जीवनरक्षक पहल के रूप में सामने आई है। यह योजना उन गरीब और जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण, गंभीर यकृत रोग जैसी असाध्य बीमारियों से जूझ रहे हैं, और साथ ही एसिड अटैक पीड़ितों को भी सहायता देती है।1

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा लागू की गई यह योजना, गंभीर बीमारियों के इलाज के भारी-भरकम खर्च से आम आदमी को बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है।2 अक्सर, ऐसी बीमारियों का इलाज इतना महंगा होता है कि यह पूरे परिवार को आर्थिक रूप से तोड़ देता है। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पैसे की कमी के कारण किसी का इलाज न रुके।

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  1. वित्तीय सहायता: असाध्य रोगों के उपचार के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करना।3
  2. जीवन रक्षा: गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को समय पर और उचित उपचार सुनिश्चित करके उनके जीवन को बचाना।
  3. आर्थिक बोझ कम करना: गरीब और कमजोर परिवारों पर पड़ने वाले चिकित्सा खर्च के बोझ को कम करना।
  4. एसिड अटैक पीड़ितों का समर्थन: एसिड अटैक पीड़ितों को उनके जटिल और महंगे इलाज के लिए विशेष सहायता प्रदान करना।4
  5. पहुँच में सुधार: यह सुनिश्चित करना कि पात्र मरीजों को राज्य के अंदर और बाहर के सूचीबद्ध अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिल सके।

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के प्रमुख लाभ और विशेषताएं:

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना कई महत्वपूर्ण लाभ और विशेषताएं प्रदान करती है, जो इसे झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना बनाती है:

  1. वित्तीय सहायता की सीमा:
    • इस योजना के तहत, सरकार ₹5 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।5
    • कुछ मामलों में, जैसे कि एसिड अटैक पीड़ितों के लिए, सरकार ने पहले ₹5 लाख की सीमा को बढ़ाकर ₹10 लाख तक कर दिया है। एसिड अटैक के मामलों में इलाज का पूरा खर्च, जिसमें बेड, दवा, भोजन, सर्जरी और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी शामिल है, कवर किया जा सकता है।
    • इसके अतिरिक्त, 2023 में इस योजना के तहत ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की चिकित्सा सहायता अनुदान राशि बढ़ाई गई है।
  2. कवर की जाने वाली बीमारियां:
    • शुरुआत में, इस योजना में मुख्य रूप से सभी प्रकार के कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) और गंभीर यकृत रोग (Severe Liver Disease) शामिल थे।
    • हाल ही में, योजना का दायरा बढ़ाया गया है। पूर्व में स्वीकृत 5 असाध्य रोगों की सूची में 17 अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध किया गया है, जिससे कुल 21 बीमारियों को कवर किया जा रहा है। इनमें ब्रेन हेमरेज से लेकर दिल की बीमारियां और बर्न समेत कुछ स्पेशल केस में प्लास्टिक सर्जरी भी शामिल हैं।
  3. इलाज के स्थान:
    • लाभार्थी सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं, जिनमें राज्य के भीतर और बाहर के अस्पताल शामिल हैं।
    • झारखंड में कई अस्पताल इस योजना के तहत सूचीबद्ध हैं, जिससे मरीजों को बेहतर विकल्प मिलते हैं।
  4. पारदर्शिता और प्रत्यक्ष लाभ:
    • योजना का प्रबंधन स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

पात्रता मानदंड:

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड हैं:

  • झारखंड का निवासी: आवेदक झारखंड का स्थानीय निवासी होना चाहिए।6
  • आय सीमा: आवेदक की लगातार 3 वर्षों की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।7
  • बीमारी: आवेदक को योजना में सूचीबद्ध गंभीर बीमारियों में से किसी एक से पीड़ित होना चाहिए।8
  • एसिड अटैक के लिए छूट: एसिड अटैक की स्थिति में आय सीमा का नियम लागू नहीं होता है।9

आवेदन प्रक्रिया:

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया आमतौर पर निम्नलिखित चरणों में पूरी की जाती है:

  1. आवेदन पत्र प्राप्त करें: आवेदक जिला स्तरीय समिति कार्यालय (जैसे सिविल सर्जन कार्यालय) से निशुल्क आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
  2. फॉर्म भरें: आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक भरें, जिसमें व्यक्तिगत विवरण, बीमारी का विवरण और अपेक्षित उपचार लागत शामिल हो।
  3. आवश्यक दस्तावेज: आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करें:
    • झारखंड में निवास का प्रमाण / स्थायी प्रमाण पत्र।
    • आधार कार्ड।
    • चिकित्सा प्रमाण पत्र (चिकित्सक द्वारा जारी, जिसमें बीमारी और इलाज की आवश्यकता का स्पष्ट उल्लेख हो)।
    • अस्पताल द्वारा जारी उपचार का प्राक्कलन (Estimate)।
    • आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो।
    • मोबाइल नंबर।
    • पिछले 3 वर्षों का आय प्रमाण पत्र (एसिड अटैक पीड़ितों के लिए आवश्यक नहीं)।
  4. जमा करें: भरे हुए आवेदन पत्र और सभी दस्तावेजों को संबंधित जिला स्तरीय समिति कार्यालय में जमा करें।
  5. सत्यापन और स्वीकृति: जिला स्तरीय समिति द्वारा आवेदन का सत्यापन किया जाता है। यदि आवेदन पात्र पाया जाता है, तो इलाज के लिए अधिकतम ₹5 लाख तक की स्वीकृति दी जाती है।10 विशेष मामलों में, यदि अधिक राशि की आवश्यकता होती है, तो मंत्रिमंडल की अनुशंसा प्राप्त कर विभाग द्वारा स्वीकृति दी जाती है।

नवीनतम और सबसे सटीक जानकारी के लिए, आवेदकों को झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या अपने स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय से संपर्क करना चाहिए।


मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना वास्तव में झारखंड के उन हजारों परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति पैसे की कमी के कारण इलाज से वंचित न रहे, जिससे उन्हें सम्मान और बेहतर जीवन जीने का अवसर मिलता है।

क्या आप झारखंड सरकार की किसी अन्य योजना के बारे में जानना चाहेंगे?

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