उत्तर प्रदेश सरकार ने बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा तक के हर महत्वपूर्ण पड़ाव पर वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की है। यह योजना लिंगानुपात में सुधार लाने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को रोकने के उद्देश्य से एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करना है:
- बालिका जन्म को प्रोत्साहन: समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना।
- लिंगानुपात में सुधार: लिंग-आधारित भेदभाव को कम कर लिंगानुपात को संतुलित करना।
- बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना: बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- बाल विवाह रोकना: लड़कियों को कम उम्र में शादी के बंधन में बंधने से बचाना।
- आत्मनिर्भर बनाना: वित्तीय सहायता प्रदान कर बेटियों को आत्मनिर्भर जीवन जीने में सक्षम बनाना।
- स्वास्थ्य और पोषण में सुधार: बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करना।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ (छह चरणों में वित्तीय सहायता)
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत, पात्र बालिकाओं को उनके जीवन के विभिन्न चरणों में कुल ₹25,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है:
- प्रथम चरण (जन्म पर): बालिका के जन्म पर ₹5,000 की एकमुश्त राशि।
- द्वितीय चरण (टीकाकरण पर): जब बालिका एक वर्ष की हो जाती है और उसे सभी टीके लग जाते हैं, तब ₹2,000 की राशि।
- तृतीय चरण (कक्षा 1 में प्रवेश पर): बालिका के कक्षा 1 में प्रवेश लेने पर ₹3,000 की राशि।
- चतुर्थ चरण (कक्षा 6 में प्रवेश पर): बालिका के कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर ₹3,000 की राशि।
- पंचम चरण (कक्षा 9 में प्रवेश पर): बालिका के कक्षा 9 में प्रवेश लेने पर ₹5,000 की राशि।
- षष्ठम चरण (स्नातक/डिप्लोमा में प्रवेश पर): जब बालिका 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर स्नातक या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेती है, तब ₹7,000 की अंतिम राशि।
यह राशि सीधे बालिका के या उसकी माता/अभिभावक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।
पात्रता मापदंड
योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- मूल निवास: बालिका का परिवार उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।
- आय सीमा: लाभार्थी परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- परिवार में बेटियों की संख्या: किसी परिवार की अधिकतम दो बेटियां ही इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। यदि किसी परिवार में जुड़वां बेटियां हैं, तो दोनों को लाभ मिलेगा, बशर्ते परिवार में कोई अन्य बेटी न हो।
- जन्म की तिथि: योजना के तहत लाभ उसी बालिका को मिलेगा जिसका जन्म 1 अप्रैल 2019 को या उसके बाद हुआ हो।
- अनाथाश्रम/पालित बालिकाएं: यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया है, तो परिवार की जैविक संतानों के साथ-साथ कानूनी रूप से गोद ली गई बालिका भी योजना के लिए पात्र होगी।
आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है:
- पोर्टल पर पंजीकरण: लाभार्थी को योजना की आधिकारिक वेबसाइट (mksy.up.gov.in) पर जाना होगा।
- आई.डी. बनाना: ‘नया उपयोगकर्ता पंजीकरण’ विकल्प पर क्लिक करके अपनी यूजर आई.डी. और पासवर्ड बनाना होगा।
- आवेदन फॉर्म भरना: लॉगिन करने के बाद, योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरना होगा, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी, पारिवारिक विवरण और शिक्षा संबंधी जानकारी शामिल होगी।
- दस्तावेज अपलोड करना: मांगे गए आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की हुई प्रतियां अपलोड करनी होंगी।
- फॉर्म जमा करना: सभी जानकारी और दस्तावेज सही होने पर आवेदन फॉर्म जमा करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के लिए कुछ प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार हैं:
- आधार कार्ड (बालिका और माता-पिता/अभिभावक का)
- बैंक पासबुक की प्रति (बालिका या माता/अभिभावक के नाम पर)
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र (बालिका का)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- दत्तक ग्रहण प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
योजना का प्रभाव
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना ने उत्तर प्रदेश में लड़कियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। यह योजना न केवल उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करती है। बेटियों को शिक्षा प्राप्त करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करके, यह योजना एक अधिक न्यायसंगत और लैंगिक रूप से संतुलित समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह वास्तव में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को एक व्यावहारिक रूप देने वाली एक सशक्त पहल है।