महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, उनके जन्म को प्रोत्साहित करने, शिक्षा सुनिश्चित करने और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए “महाराष्ट्र माझी कन्या भाग्यश्री योजना” की शुरुआत की है। 1 अप्रैल 2016 को शुरू की गई यह योजना, जिसे 1 अगस्त 2017 को संशोधित किया गया, बेटियों को सशक्त बनाने और उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योजना का मूल उद्देश्य:
माझी कन्या भाग्यश्री योजना का मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करना है:
- लिंगानुपात में सुधार: समाज में लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित कर लिंगानुपात में समानता लाना।
- बालिका शिक्षा को बढ़ावा: बेटियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी पढ़ाई में आने वाली आर्थिक बाधाओं को दूर करना।
- बाल विवाह पर रोक: लड़कियों की शिक्षा और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर बाल विवाह को रोकना।
- स्वास्थ्य और पोषण सुनिश्चित करना: बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देना।
- महिला सशक्तिकरण: बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त नागरिक बनने में मदद करना।
योजना के मुख्य लाभ:
यह योजना माता-पिता को परिवार नियोजन अपनाने और बेटियों को शिक्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। लाभ राशि सीधे बालिका के नाम पर बैंक खाते में सावधि जमा (Fixed Deposit) के रूप में रखी जाती है:
- एक बेटी होने पर:
- यदि माता-पिता पहली बेटी के जन्म के बाद परिवार नियोजन (नसबंदी) अपनाते हैं, तो सरकार बालिका के नाम पर ₹50,000 की सावधि जमा करती है।
- इस राशि पर मिलने वाला ब्याज बालिका 6 वर्ष और 12 वर्ष की आयु में निकाल सकती है।
- पूर्ण राशि (मूलधन और शेष ब्याज) बालिका को 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर, 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होने और अविवाहित होने की शर्त पर मिलती है।
- दो बेटियां होने पर:
- यदि माता-पिता दो बेटियों के जन्म के बाद परिवार नियोजन अपनाते हैं, तो सरकार प्रत्येक बेटी के नाम पर ₹25,000 की सावधि जमा करती है।
- इन राशियों पर मिलने वाला ब्याज बालिकाएं 6 वर्ष और 12 वर्ष की आयु में निकाल सकती हैं।
- पूर्ण राशि (मूलधन और शेष ब्याज) प्रत्येक बालिका को 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर, 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होने और अविवाहित होने की शर्त पर मिलती है।
- दोनों बेटियों को ₹1 लाख का दुर्घटना बीमा कवर और ₹5,000 की ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलती है।
- जुड़वां बेटियां होने पर:
- यदि पहली डिलीवरी में एक बेटी और दूसरी डिलीवरी में जुड़वां बेटियां होती हैं, तो भी योजना का लाभ मिलता है।
महत्वपूर्ण शर्तें:
- माता-पिता को परिवार नियोजन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- एक बेटी होने पर: बेटी के जन्म के 1 वर्ष के भीतर नसबंदी।
- दो बेटियां होने पर: दूसरी बेटी के जन्म के 6 महीने के भीतर नसबंदी।
- यदि परिवार में तीसरा बच्चा होता है, तो पहले की बेटियों को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा (जुड़वां बेटियों के मामले को छोड़कर)।
- यदि बालिका 18 वर्ष की आयु से पहले विवाह कर लेती है, या 10वीं कक्षा उत्तीर्ण नहीं करती है, तो उसे पूरी राशि का लाभ नहीं मिलेगा।
पात्रता मापदंड:
- आवेदक महाराष्ट्र राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- बालिका का जन्म 1 अगस्त 2017 को या उसके बाद हुआ हो।
- परिवार की वार्षिक आय ₹7.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- लाभ केवल परिवार की अधिकतम दो बेटियों को मिलेगा।
- लाभार्थी बालिका और उसकी माँ के नाम पर राष्ट्रीयकृत बैंक में एक संयुक्त बचत बैंक खाता होना अनिवार्य है।
आवेदन प्रक्रिया:
माझी कन्या भाग्यश्री योजना के लिए आवेदन ऑफलाइन माध्यम से किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए अभी कोई समर्पित पोर्टल उपलब्ध नहीं है (हालांकि, भविष्य में यह सुविधा आ सकती है)।
- आवेदन पत्र प्राप्त करना: आवेदक अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र, ग्रामीण/शहरी बाल विकास अधिकारी कार्यालय, महिला और बाल विकास अधिकारी कार्यालय, या जिला परिषद कार्यालय से योजना का आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
- फॉर्म भरना: आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक भरें और सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करें।
- दस्तावेज संलग्न करना: मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां आवेदन पत्र के साथ संलग्न करें।
- जमा करना: भरे हुए आवेदन पत्र और दस्तावेजों को उसी आंगनवाड़ी केंद्र या संबंधित कार्यालय में जमा करें जहां से आपने फॉर्म प्राप्त किया था।
- सत्यापन: आवेदन जमा होने के बाद, संबंधित अधिकारी दस्तावेजों और पात्रता की जांच करेंगे।
आवश्यक दस्तावेज:
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।
- पिता का अधिवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट)।
- माता और बालिका का संयुक्त बैंक खाता विवरण (पासबुक की कॉपी)।
- पते का प्रमाण (आधार कार्ड, बिजली बिल आदि)।
- आय प्रमाण पत्र (सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी)।
- पारिवारिक नियोजन प्रमाण पत्र (नसबंदी का प्रमाण)।
- पासपोर्ट साइज फोटो।
- अनाथ होने का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
योजना का प्रभाव:
महाराष्ट्र माझी कन्या भाग्यश्री योजना ने राज्य में बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह योजना परिवारों पर आर्थिक बोझ को कम करती है और समाज में लैंगिक समानता की भावना को मजबूत करती है। वित्तीय सुरक्षा और शिक्षा के प्रोत्साहन के माध्यम से, यह योजना महाराष्ट्र की बेटियों को एक उज्जवल और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए सशक्त कर रही है।