भारत में मछुआरे समुदाय प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, बाढ़ और सुनामी से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इन आपदाओं के कारण उनकी आजीविका, नावें और मछली पकड़ने के उपकरण नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें मछुआरों को वित्तीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएँ चला रही हैं।
मछुआरों के लिए प्राकृतिक आपदा राहत योजनाएँ (2025)
1. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
- लाभ: आपदा के दौरान नष्ट हुए जाल, नावों और मछली पालन उपकरणों के लिए मुआवजा।
- वित्तीय सहायता: 10,000 से 2 लाख रुपये तक (क्षति के आधार पर)।
- आवेदन: मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर।
2. राज्य आपदा राहत कोष (SDRF)
- लाभ: चक्रवात, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान की भरपाई।
- मुआवजा:
- नाव/जाल क्षति: 25,000 – 1 लाख रुपये
- मछली पालन इकाई नष्ट होने पर: 50,000 रुपये तक
- आवेदन: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के माध्यम से।
3. केंद्रीय मत्स्यविभाग की आपातकालीन सहायता
- लाभ: तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को तत्काल राहत राशि।
- सहायता राशि: प्रति परिवार 5,000 – 10,000 रुपये (आपदा स्तर पर निर्भर)।
4. राज्य-विशिष्ट योजनाएँ
- ओडिशा: मछुआरे आपदा राहत योजना (नाव क्षति पर 50,000 रुपये तक)।
- केरल: केरल मत्स्य समुदाय आपदा सहायता (20,000 रुपये तक तत्काल सहायता)।
- आंध्र प्रदेश: नाव क्षतिपूर्ति योजना (75% सब्सिडी)।
आवेदन कैसे करें?
- ऑनलाइन: संबंधित राज्य/केंद्रीय मत्स्य विभाग की वेबसाइट पर जाएँ।
- ऑफलाइन: जिला मत्स्य अधिकारी या ग्राम पंचायत से फॉर्म लें।
- दस्तावेज: आधार कार्ड, मछुआरा पहचान पत्र, क्षति का प्रमाण (फोटो/वीडियो)।
निष्कर्ष
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित मछुआरों को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता प्रदान की जाती है। यदि आप या आपका कोई जानकार मछुआरा समुदाय से है, तो इन योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएँ।
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