‘ज्योति’ योजना (ज्योति): प्रवासी बच्चों के लिए शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य की किरण
केरल, जिसे “भगवान का अपना देश” कहा जाता है, न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी प्रगतिशील सामाजिक नीतियों के लिए भी जाना जाता है। इसी प्रगतिशीलता का एक चमकता उदाहरण है ‘ज्योति’ योजना (Jyothi Scheme)। यह योजना विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को केरल की मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करने के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रह सके, भले ही उसके माता-पिता राज्य के मूल निवासी न हों।
‘ज्योति’ योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
‘ज्योति’ योजना केरल सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका मुख्य लक्ष्य प्रवासी श्रमिक समुदायों के बच्चों के लिए शिक्षा तक समान पहुँच सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य सिर्फ उन्हें स्कूल में नामांकित करना नहीं है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित, सहायक और समावेशी शिक्षण वातावरण प्रदान करना है।
इस योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं:
- शिक्षा तक पहुँच: प्रवासी बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली (आंगनवाड़ी और सरकारी स्कूल) में शामिल करना।
- समावेशी विकास: यह सुनिश्चित करना कि इन बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ मिले।
- शैक्षिक निरंतरता: मौसमी प्रवास के बावजूद बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान न आए, यह सुनिश्चित करना।
- सामाजिक एकीकरण: इन बच्चों को स्थानीय समाज और संस्कृति के साथ एकीकृत करने में मदद करना।
- पलायन को रोकना: शिक्षा के बेहतर अवसरों के माध्यम से बच्चों को काम पर लगने से बचाना।
‘ज्योति’ योजना की प्रमुख विशेषताएं और लाभ:
‘ज्योति’ योजना अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण प्रवासी बच्चों के लिए एक जीवन बदलने वाली पहल है:
- आयु-आधारित नामांकन:
- 3 से 6 वर्ष के बच्चे: इन बच्चों को आंगनवाड़ियों में नामांकित किया जाता है। यहाँ उन्हें प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ पोषण और खेल-आधारित सीखने का माहौल मिलता है।
- 6 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चे: इन बच्चों को सीधे सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाता है।
- बहुभाषी शिक्षा पर जोर: प्रवासी बच्चे अक्सर अलग-अलग भाषाई पृष्ठभूमि से आते हैं। योजना में शिक्षकों को इस चुनौती से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, और बच्चों की मातृभाषा को ध्यान में रखते हुए शिक्षण सामग्री विकसित की जाती है।
- शिक्षकों का विशेष प्रशिक्षण: ‘ज्योति’ योजना के तहत शिक्षकों को प्रवासी बच्चों की सांस्कृतिक और भाषाई विविधताओं को समझने और उन्हें प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
- विशेष पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री: बच्चों की जरूरतों के अनुसार विशेष पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री तैयार की जाती है, ताकि वे आसानी से मुख्यधारा के पाठ्यक्रम के साथ जुड़ सकें।
- फील्ड कैंपेन और जागरूकता: मई 2025 में ऐसे फील्ड कैंपेन चलाए गए, जिनमें प्रवासी श्रमिक बस्तियों में जाकर परिवारों को योजना के बारे में जागरूक किया गया और उनके बच्चों को नामांकित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
- समग्र विकास: शिक्षा के साथ-साथ, योजना स्वास्थ्य जांच, पोषण सहायता और अन्य कल्याणकारी लाभों तक पहुंच सुनिश्चित करती है, जो बच्चों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- निगरानी और मूल्यांकन: योजना की प्रगति और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है।
‘ज्योति’ योजना का महत्व:
केरल में लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं, और उनके बच्चों का भविष्य अक्सर अनिश्चित होता है। ‘ज्योति’ योजना यह सुनिश्चित करती है कि इन बच्चों को भी शिक्षा का समान अवसर मिले, जिससे वे अपने माता-पिता के संघर्षपूर्ण जीवन से ऊपर उठ सकें। यह योजना बाल श्रम को रोकने, बाल विवाह को कम करने और बच्चों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक बचपन प्रदान करने में भी सहायक है।
यह केवल एक शैक्षिक योजना नहीं है, बल्कि एक सामाजिक न्याय की पहल है जो यह दर्शाती है कि केरल सभी निवासियों, चाहे वे कहीं से भी आए हों, के अधिकारों और कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। यह राज्य की समावेशी विकास की विचारधारा को मजबूत करती है।
आप कैसे जुड़ सकते हैं या लाभ उठा सकते हैं?
यदि आप केरल में एक प्रवासी श्रमिक हैं और आपके बच्चे हैं, तो आप ‘ज्योति’ योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित स्थानों से संपर्क कर सकते हैं:
- स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र: छोटे बच्चों (3-6 वर्ष) के नामांकन के लिए।
- निकटतम सरकारी स्कूल: बड़े बच्चों (6+ वर्ष) के नामांकन के लिए।
- स्थानीय स्वशासन संस्थाएँ (Local Self-Government Institutions): पंचायत या नगर पालिका कार्यालय।
- केरल के शिक्षा विभाग या सामाजिक न्याय विभाग की आधिकारिक वेबसाइटें: नवीनतम जानकारी और दिशानिर्देशों के लिए।
‘ज्योति’ योजना वास्तव में केरल में प्रवासी बच्चों के लिए शिक्षा, अवसर और एक उज्जवल भविष्य की किरण है। यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे।
क्या आप केरल की किसी अन्य योजना या इस योजना के किसी और पहलू के बारे में जानना चाहेंगे?